[ad_1]

बिहार का वह गांव जहां के लोग चमगादड़ की पूजा करते हैं
कहानी बिहार के सुपौल (सुपौल) जिले की है जहां त्रिवेणीगंज प्रखंड में निवासी लाहनिया गांव में सैकड़ों एकड़ में बसे चमगादड़ों (बाट) का यहां के लोग संरक्षण कर रहे हैं। लगभग लाखों की संख्या में इन चमगादड़ों को यहाँ के लोग दैवीय रूप मानते हैं।
सुपौल में गांव है
कहानी बिहार के सुपौल जिले की है जहां त्रिवेणीगंज प्रखंड में निवासी लाहनिया गांव में सैकड़ों एकड़ में रहने वाले चमगादड़ों का यहां के लोग संरक्षण कर रहे हैं। लगभग लाखों की संख्या में इन चमगादड़ो को यहाँ के लोग दैवीय रूप मानते हैं। गांव के जमींदार प्रदुम्न सिंह कहते हैं कि लोगों की मान्यता है कि ये चमगादड़ किसी घटना का पुर्वानुमन बनाते हैं तो इनको कैसे हटा दें। गांव के लोग कहते हैं कि उन्हें इस चमगादड़ से कोरोना होने का तनिक भी भय नहीं सताता है।
डीएम बोलेदूसरी ओर जिला प्रशासन ने भी इस रिपोर्ट के आने के बाद पशुपालन और स्वास्थ्य महकमे को सजग कर दिया है। सुपौल के डीएम महेंद्र कुमार बताते हैं कि अब तक चमगादड़ों से इंसान के शरीर में किसी तरह से को विभाजित का असर होता है इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन जिला प्रशासन वहां के लोगो को इस समस्या के लिए जागरूक करेगा और अगर किसी में कोरोना के लक्षण मिलते हैं। हैं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि एक ओर जहां कोरोना जैसी महामारी ने लोगों को जहां हालात में डाल रखा है लेकिन बिहार के इस गांव में लोग बेखौफ होकर न केवल इनको पाल रहे हैं बल्कि इनकी पूजा भी कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें- निजामुद्दीन के बाद बिहार के मरकज ने बढ़ाई परेशानी, नालंदा में जुटे थे 640 जमाती
ये भी पढ़ें- लॉकडाउन: उत्तर प्रदेश के स्कूल में फंसे बिहार के 200 बच्चे, सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर CM से लगाई गुहार
News18 हिंदी सबसे पहले हिंदी समाचार हमारे लिए पढ़ना यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर । फोल्ट्स। देखिए सुपौल से संलग्न लेटेस्ट समाचार।
प्रथम प्रकाशित: 15 अप्रैल, 2020, 4:01 PM IST
->
।
[ad_2]
Source link